दिल्ली हाई कोर्ट में सीबीआई मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है। सीबीआई की ओर से पेश वकील डीपी सिंह ने कोर्ट को बताया कि ट्रायल कोर्ट में केजरीवाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। सीबीआई के वकील ने तर्क दिया कि सिर्फ चार्जशीट दाखिल करने से केजरीवाल को नियमित जमानत नहीं मिल जाती।
केजरीवाल से जुड़े मिले और सबूत
सीबीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि जैसे-जैसे उनकी जांच आगे बढ़ी, उन्हें अरविंद केजरीवाल से जुड़े और सबूत मिले। आज दाखिल चार्जशीट में केजरीवाल समेत छह लोगों के नाम हैं, लेकिन उनमें से पांच को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
केजरीवाल आबकारी घोटाले के हैं मुख्य सूत्रधार
वकील डीपी सिंह ने कहा कि सीबीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि उन्होंने अपनी जांच पूरी कर ली है और एक महीने के भीतर चार्जशीट दाखिल कर दी है। उन्होंने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल आबकारी नीति घोटाले में केंद्रीय व्यक्ति या सूत्रधार हैं।
केजरीवाल ने आबकारी नीति पर किए हस्ताक्षर
वकील ने कहा कि कैबिनेट के मुखिया के तौर पर अरविंद केजरीवाल ने आबकारी नीति पर हस्ताक्षर किए हैं। इसे अपने सहयोगियों को भेजा और एक ही दिन में उनके हस्ताक्षर प्राप्त कर लिए। यह सब कोरोना महामारी के दौरान हुआ।
IAS अधिकारी ने केजरीवाल के खिलाफ दी गवाही
सीबीआई के वकील ने आगे कहा कि मनीष सिसोदिया के अधीन आईएएस अधिकारी सी. अरविंद ने गवाही दी कि विजय नायर कंप्यूटर में दर्ज करने के लिए आबकारी नीति की एक कॉपी लेकर आए थे और उस समय अरविंद केजरीवाल मौजूद थे। सीबीआई के अनुसार, यह इस मामले में केजरीवाल की सीधी संलिप्तता को दर्शाता है।
44 करोड़ रुपये की रकम का लगाया गया पता
सीबीआई ने कहा कि हमने मामले में 44 करोड़ रुपये की रकम का पता लगाया है। यह पैसा गोवा गया था। केजरीवाल ने खुद अपने उम्मीदवारों से कहा कि पैसे की चिंता मत करो, चुनाव लड़ो। CBI ने कहा कि पैसा गोवा गया, खर्च का निर्देशन कौन करेगा? हमारे पास इस बात के सबूत हैं कि सभी उम्मीदवार को 90 लाख रुपये दिए जाने थे।
हम ट्रायल शुरू करने के लिए तैयार- CBI
कोर्ट में CBI ने कहा कि केजरीवाल के वकील कहते हैं कि एक बार चार्जशीट दाखिल हो होने के बाद व्यक्ति को सलाखों के पीछे नहीं रखना चाहिए। ये एक नेरेटिव बनाया गया है। कोर्ट सलाखों के पीछे रख सकती है ताकि उसका मुकदमा कम से कम समय में पूरा हो सके। कुछ परिस्थितियां ऐसी होती हैं जिनमें जमानत पर सीधे हाई कोर्ट सुनवाई कर सकता है। लेकिन हाई कोर्ट जमानत पर सुनवाई करने वाली पहली अदालत नहीं बन सकती। इस मामले में ये अंतिम आरोपपत्र है। हम ट्रायल शुरू करने के लिए तैयार हैं।
केजरीवाल का गवाह से नहीं कराया गया आमना-सामना- सिंघवी
इस पर केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘मैंने पहले भी कहा था कि यह कुछ और नहीं बल्कि इन्शयोरेंस गिरफ्तारी है। ईडी मामले में तीन बार किसी न किसी रूप में जमानत मिल चुकी है। जब से सीबीआई ने गिरफ्तार किया है, तब से किसी गवाह से आमना -सामना नहीं कराया गया है। सिंघवी ने एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि सीआरपीसी की धारा 160 केवल गवाहों से संबंधित है और केजरीवाल को सीबीआई ने इसी प्रावधान के तहत पूछताछ के लिए बुलाया था।’