Search
Close this search box.

कर्नाटक सरकार ने प्राइवेट कंपनियों में आरक्षण वाले बिल को ठंडे बस्ते में डाला, सामने आई ये वजह

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया- India TV Hindi

Image Source : PTI
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया

बेंगलुरुः कर्नाटक सरकार ने कन्नड़भाषी लोगों के लिए निजी कंपनियों में आरक्षण अनिवार्य करने वाले विधेयक को स्थगित कर दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, प्राइवेट सेक्टर में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने से जुड़े बिल को इस सेशन में टेबल नहीं किया जाएगा। 

बिल की होगी री ड्राफ्टिंग 

सूत्रों की मानें तो सरकार के अंदर ही इस बिल को लेकर भिन्न मत हो गया। अब इस बात पर विचार किया जा रहा है कि सभी स्टेक होल्डर्स से बात करने के बाद इस बिल की री ड्राफ्टिंग होगी। तब तक इसे सदन में नहीं लाया जाएगा। 

सरकार बाद में लेगी इस पर फैसला

कर्नाटक राज्य उद्योग, कारखानों और अन्य प्रतिष्ठानों में स्थानीय उम्मीदवारों के लिए रोजगार विधेयक, 2024 को सोमवार को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बुधवार को जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘निजी क्षेत्र के संगठनों, उद्योगों और उद्यमों में कन्नड़ लोगों को आरक्षण देने के लिए मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत विधेयक को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। इस पर आगामी दिनों में फिर से विचार किया जाएगा और निर्णय लिया जाएगा।

बड़े उद्योगपतियों ने किया बिल का विरोध

विधेयक में कहा गया है कि किसी भी उद्योग, कारखाने या अन्य प्रतिष्ठानों को प्रबंधन श्रेणियों में 50 प्रतिशत और गैर-प्रबंधन श्रेणियों में 70 प्रतिशत स्थानीय उम्मीदवारों की नियुक्ति करनी होगी। सरकार ने सदन ने इसी सत्र में इस बिल को टेबल करने की भी बात की थी। लेकिन बुधवार को नैसकॉम जैसी संस्था और कई बड़े उद्योगपतियों ने इसका विरोध करते हुए सरकार से इस पर पुनर्विचार करने की मांग की थी। इस विधेयक की उद्योग जगत और प्रौद्योगिकी क्षेत्र की नामचीन हस्तियों ने आलोचना की है। 

Latest India News

Source link

India Hit News
Author: India Hit News

Leave a Comment

और पढ़ें