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केरल में निपाह वायरस से 14 साल के लड़के की मौत, केंद्र सरकार ने कहा-तत्काल ये 4 उपाय शुरू करें

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nipah virus in kerala- India TV Hindi

Image Source : FILE PHOTO
केरल में निपाह वायरस के एक लड़के की मौत

केरल में एक बार फिर से निपाह वायरस ने दस्तक दे दी है। राज्य के मल्लापुरम जिले के एक 14 वर्षीय लड़के की निपाह वायरस से मौत हो गई है। लड़के की मौत के बाद केंद्र की ओर से तत्काल कदम उठाए गए हैं। केंद्र सरकार ने इसे लेकर केरल सरकार को आगाह किया है और तुरंत उपाय शुरू करने की हिदायत दी है। बता दें कि जिस लड़के में एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के लक्षण दिखे थे, उसे शुरू में पेरिंथलमन्ना में एक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था और बाद में उसे कोझिकोड के एक बेहतर स्वास्थ्य केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया था। हालांकि, बाद में मरीज ने इस बीमारी से दम तोड़ दिया। इसके बाद पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) द्वारा किए गए परीक्षण में निपाह वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी है ये सलाह

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केरल सरकार को निपाह वायरस के सक्रिय मामले की खोज और संपर्क ट्रेसिंग सहित चार तत्काल सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को लागू करने की सलाह दी है। राज्य सरकार को किसी भी अतिरिक्त मामले की पहचान करने के लिए पुष्टि किए गए मामले के परिवार, पड़ोस और उसके आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय मामले की खोज करने की सलाह दी गई है। लक्षणों की निगरानी करने और वायरस के आगे प्रसार को रोकने के लिए राज्य को पिछले 12 दिनों में पहचाने गए मामले के संपर्कों का पता लगाने के लिए कहा गया है।

मंत्रालय की सलाह के अनुसार, पुष्टि किए गए मामले के संपर्कों को सख्ती से अलग किया जाना चाहिए, और वायरस को रोकने के लिए लक्षण दिखाने वाले किसी भी संदिग्ध को अलग किया जाना चाहिए।

शीघ्र पता लगाने और प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए संभावित संपर्कों और संदिग्धों के नमूने एकत्र किए जाने चाहिए और प्रयोगशाला परीक्षण के लिए ले जाया जाना चाहिए।

प्रकोप के प्रबंधन में राज्य सरकार का समर्थन करने के लिए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय ‘वन हेल्थ मिशन’ से एक बहु-सदस्यीय संयुक्त प्रकोप प्रतिक्रिया टीम तैनात की जाएगी। यह टीम मामले की जांच करने, महामारी संबंधी संबंधों की पहचान करने और तकनीकी सहायता प्रदान करने में सहायता करेगी।

मंत्रालय ने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने राज्य के अनुरोध पर रोगी प्रबंधन के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज भेजे थे। संपर्कों से अतिरिक्त नमूनों के परीक्षण के लिए एक मोबाइल बायोसेफ्टी लेवल -3 (बीएसएल -3) प्रयोगशाला भी कोझिकोड पहुंची। हालांकि, लड़के को “उसकी खराब सामान्य स्थिति के कारण” मोनोक्लोनल एंटीबॉडी नहीं दी जा सकीं।

बता दें कि केरल में निपाह वायरस का प्रकोप पहले भी हुआ है, सबसे हालिया प्रकोप 2023 में कोझिकोड जिले में हुआ था। यह वायरस मुख्य रूप से फल वाले चमगादड़ों द्वारा फैलता है, और चमगादड़-दूषित फलों के सेवन से मनुष्य संक्रमित हो सकते हैं। 

 

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Author: India Hit News

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